योग का वास्तविक स्वरूप
योग का वास्तविक स्वरूप । अगर हम गौर से देखें तो सर्वत्र योग दिखाए देगा हमारा जीवन यह प्रकृति समस्त सृष्टि , प्रत्येक जीवधारी हमारे आपसी संबंध यह ब्रहम्माण्ड प्रत्येक व्यवस्था जो सुचारू रूप से चल रही है उसका आधार योग है | प्रत्येक व्यवस्था अनेक स्तिथियों वस्तुओ आवश्यकताओं के आधार पर एक दूसरे से जुड़ी हैं। हमारी पृथ्वी सूर्य , चंद्र आदि पर आधारित है। अन्य ग्रहों का भी अपना विशेष महत्व है। हमारी पृथ्वी का सौंदर्य प्रकृति पर आधारित है। वहीं हमारा जीवन और अन्य जीवधारियों का जीवन प्रकृति पर और प्रकृति का अस्तित्व इन सभी जीवधारियों पर आधारित है। इसी प्रकार ईश्वर ने यह सुंदर व्यवस्था बनाए हुई है। अतः हमें योग को समझने के लिए सब से पैहले इस सृष्टि योजना को समझना होगा अपनेआप को समझना होगा ओर जब हम इस सर्वत्र फैले योग को समझ जाएंगे । तब हमारे जीवन में विशाल परिवर्त हो सकेंगे ततपश्चात हमारी ज्ञानेन्द्रियाँ मन के साथ स्थिर हो जाएंगी। और मन बुद्धि के साथ आ मिलेगा यही अवस्था #परमगति कहलाती है। और ...